शाहजहाँ ने अपने ही बेटी को अपना बेगम साहिबा बनाया था

शाहजहाँ और उसकी बेटी के बीच का प्यार इतना बढ़ गया था कि लोग इसे अवैध संबंध मानने लगे थे
 मुगल बादशाह शाहजहाँ के बारे में बताया जाता है कि वह अपने पत्नी मुमताज महल से इतना प्यार करता था कि चौदहवे बच्चे को जन्म देने के दौरान मृत्यु होने पर उसके  याद में ताजमहल बनवा दिया था?  

बेटी से पत्नि वाला प्यार

   शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।  
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।
    यह बताने वाले फ्रांसीसी यात्री फ्रेंकोइस बर्नियर (Francois Bernier) का है! जो मुगलों का चिकित्सक था और उनके हरम (शाही वेश्यालय) तक उसकी पहुंच थी। उसने लिखा है कि- "शाहजहाँ और उसकी बेटी के बीच का प्यार इतना बढ़ गया था कि लोग इसे अवैध संबंध मानने लगे थे।"  

शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।

पेड़ लगाने वाले को फल खाने का अधिकार

    फ्रेंकोइस बर्नियर बताया कि कैसे मुल्लो और डॉक्टरों ने बेटी के साथ अवैध संबंध की अनुमति दी और कहा कि “राजा को उस पेड़ से पहला फल खाने के विशेषाधिकार से वंचित करना अन्याय होगा, जिसे उसने खुद लगाया था।”  
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।
   शाहजहाँ के अपनी बेटी के साथ अनैतिक संबंध की इस कहानी का समर्थन विन्सेंट स्मिथ और थॉमस हर्बर्ट ने भी किया है। डी लाएट (De Laet) और हर्बर्ट (Herbert) की गवाही विन्सेंट स्मिथ (Vincent smith) को इस निष्कर्ष पर ले जाती है, जो बर्नियर (Bernier) और ट्रैवर्नियर (Travernier) की कहानी के दावे से और मजबूत हो जाती है। 
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।

बेटी के प्रेमियों को मृत्युदंड

   इस संबंध में यह बात ध्यान देने योग्य है कि शाहजहाँ उन पुरुषों के प्रति बहुत क्रूर था, जिनके साथ उसके पुत्री जहाँआरा का संबंध था या जो उसके संभावित निकाह के दावेदार थे! अंदाजा लगाइए कि शाहजहाँ ने अपने पुत्री के प्रेमियों को क्यों मरवा दिया था? 
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।
    जहाँआरा एक ऐसे व्यक्ति के साथ संबंध में आ गई, जो उससे छिपकर मिलने आता था। शाहजहाँ को जब पता चला कि उसकी बेटी का कोई प्रेमी है तो वह उसे पकड़ने के लिए तुरंत निकल पड़ा। अचानक राजकुमारी ने प्रेमी को एक कढ़ाई में छिपा दिया। शाहजहाँ ने कढ़ाई को गर्म करवा कर  प्रेमी को मार दिया था। 
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।
    इसके बाद जहाँआरा ने एक और प्रेमी बनाया, जिसका नाम नाज़र खान था। शाहजहाँ के एक रिश्तेदार ने इस युवक का बहुत सम्मान किया और उसे जहाँआरा का पति बनाने का प्रस्ताव रखा। शाहजहाँ ने इस व्यक्ति को भी ज़हर मिला हुआ पान खिलाकर मार डाला। 
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।
   इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह जीवन भर अविवाहित रहीं। और जहाँआरा को “बेगम साहिब” की उपाधि दी गई, जो सामान्यतः राजा की पत्नी को दी जाने वाली उपाधि थी। 
शाहजहाँ कुछ दिन बाद ही अपने प्रिय पत्नी मुमताज महल के चेहरे से मिलती हुई अपने बेटी जहाँआरा को ही अपना बेगम साहिबा बना लिया था। उसने अपनी उसी पत्नी मुमताज महल से पैदा किया था, जिसे वह इतना प्यार करता था कि उसने उसके लिए ताजमहल बनवाया।

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