भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध एक नही है | Difference between Lord Buddha and Gautam Buddha

सनातनी धर्मावलम्बी एवं बौद्ध मतावलम्बी दोनों ही शाक्यमुनि गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही समझते हैं। इसे लेकर भम्रित होने का विशेष कारण भी है। लेकिन वास्तव में गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध दोनों ही अलग-अलग हैं। 

भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध एक नही है | Difference between Lord Buddha and Gautam Buddha
 सनातनी धर्मावलम्बी एवं बौद्ध मतावलम्बी दोनों ही शाक्यमुनि गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही समझते हैं। इसे लेकर भम्रित होने का विशेष कारण भी है। लेकिन वास्तव में गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध दोनों ही अलग-अलग हैं। 

   लगभग 8-10 दशक पहले तक तो इतिहासकारों ने शाक्यमुनि गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी को भी एक ही व्यक्ति मानकर प्राचीन भारत का इतिहास लिखा था। इस असमंजसता का कारण सिद्धार्थ गौतम एवं महावीर स्वामी, इन दोनों राजकुमारों के नाम, जन्म-काल, जन्म-स्थल, राजकुल, माता-पिता, इनके द्वारा प्रतिपादित दर्शन आदि तथ्य बहुत ही समानता रखते थे।

   आगे चलकर जैसे-जैसे गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी का इतिहास सामने आता गया, वैसे-वैसे यह स्थापित होता चला गया कि बुद्ध और महावीर एक व्यक्ति नहीं थे, ये दो थे एवं अलग-अलग थे और बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म की स्थापना एक व्यक्ति ने नहीं की थी, दो अलग-अलग व्यक्तियों ने की थी।

बुद्ध पूर्णिमा

   पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन को भगवान बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं।  

भगवान बुध्द के मस्तिष्क पर तिलक और कंधे में जनेऊ होता है!
भगवान बुध्द के मस्तिष्क पर तिलक और कंधे में जनेऊ होता है!

   बुद्ध पूर्णिमा का दिन बौद्ध धर्म को मानने वाले और साथ ही हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही खास दिन होता है। इस दिन हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार लोग पवित्र नदियों में स्नानादि कर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, दान-दक्षिणा देते हैं और व्रत भी रखते हैं। वहीं बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग बुद्ध पूर्णिमा के दिन को भगवान बुद्ध की जयंती के तौर पर बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।  

भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध में अंतर

   कई लोग भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध को एक ही मान लेते हैं। दरअसल गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही मानने के पीछे भ्रमित होने का विशेष कारण भी है। गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध के नाम, गोत्र और कार्यों में काफी हद तक समानता पाई जाती है। लेकिन गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध एक नहीं हैं। 

  • भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के दशावताओं (दस अवतार) में नौंवा अवतार माना जाता है। भगवान बुद्ध भगवान क्षीरोदशायी विष्णु के अवतार हैं। 
  • मान्यता है कि बलि प्रथा की अनावश्यक जीव हिंसा की रोक के लिए ही इनके इस अवतार का जन्म हुआ था। 
  • भगवान बुद्ध की माता का नाम श्रीमती अंजना और पिता का नाम हेमसदन था। 
  • वहीं शाक्यसिंह बुद्ध जिनके बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम (गौतम बुद्ध) के माता-पिता का नाम माया देवी और शुद्धोदन था।
  • श्रीललित विस्तार ग्रंथ के 21 वें अध्याय की पृष्ठ संख्या 178 में वर्णित है कि “संयोगवश गौतम बुद्ध ने भी उसी स्थान पर तपस्या कर ज्ञान अर्जित किया, जहां भगवान बुद्ध ने तपस्या की थी! इस कारण भी लोग दोनों को एक मान लेते हैं।”
  • गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के वनों में 477 बीसी में हुआ था। वहीं बताया जाता है कि भगवान बुद्ध आज से करीब 5 हजार साल पहले बिहार के गया में प्रकट हुए थे।
  • श्रीमद् भागवत महापुराण और श्रीनरसिंह पुराण के अनुसार, भगवान बुद्ध आज से करीब 5 हजार साल पहले इस धरती पर आए थे। 
  • जबकि जर्मन के वरिष्ट स्कालर मैक्स मूलर के अनुसार गौतम बुद्ध 2491 साल पहले आए थे। यानी गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध दोनों अलग हैं।

भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध को एक मानने के भ्रम का मुख्य कारण

   अमर सिंह जोकि राजा विक्रमादित्य की राजसभा के नौ रत्नों में एक माने जाते थे, उन्होंने अमरकोष (संस्कृत भाषा की प्रसिद्ध कोष) ग्रंथ की रचना की थी। उस ग्रन्थ में भगवान बुद्ध के 10 और गौतम बुद्ध  के 5 पर्यायवाची नाम को एक ही क्रम में लिखा गया था, जोकि गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही मानने के भ्रम का अहम कारण बना।

   भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध दोनों का गोत्र 'गौतम' था, जोकि दोनों को एक मानने का सबसे मुख्य कारण था। अग्निपुराण में भगवान बुद्ध को लंबकर्ण कहा गया है, जिसका अर्थ होता है ‘लंबे कान वाला’। इसके बाद से ही भगवान बुद्ध की लंबी-लंबी प्रतिमाएं बनाई जाने लगी।


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