Benzaiten in Japan, Sarasvati goddess of Hinduism in India |
वामपंथी, जिहादियों और मलमूत्र-निवासियों (नकली नव-बुद्धिष्टो) के दुष्प्रचार ने यह प्रचार करने में कोई भी कसर न छोड़ी कि “भारत से बाहर वैदिक धर्म नही”(?) जबकि सच यह है कि आज भी पूरी दुनिया मे हिन्दू पौराणिक देवी-देवताओं की पूजा होती है। और खुद पूरी दुनिया के ज्यादातर बुद्धिस्ट मूर्तिपूजक और पौराणिक हिन्दू देवताओं के उपासक है। “यहां तक खुद बुद्ध का भी आज के मलमूत्र निवासियों के उवाच से कोई लेना देना नही है, बुद्ध ने तो आर्यत्व को धारण किया।”
बुद्धिष्ट देशों में “ब्रह्मा”
ब्रह्मा को थाई में “PRA PHOM”, कोरिया में “PAMCHON”, तिब्बत और जापान में “BONTEN”, चीन में “FAINTIAN” कहा जाता है।
सभी बौद्ध बाहुल्य देशो में ब्रह्मा की मूर्ति अनिवार्य रूप से पाई जाती है। हांगकांग, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, बैंकोग, कोसिंग (kohsiung) सहित सभी शहरों में ब्रह्मा की मूर्तियां अनिवार्य रूप से है। ऐसी बाते मलमूत्रो के मुँह पर थप्पड़ है, जो यह कहते रहते है कि भारत से बाहर हिन्दू देवी देवताओं को कोई नही पूजता।
ब्रह्मा मंदिर का फोटो: (Slide Show)
बुद्धिस्ट देशों में “माँ सरस्वती”!
मलमूत्र-निवासियों (नकली बुद्धिस्टो) का एक प्रचार चलता है कि “सरस्वती (माँ शारदा) की पूजा भारत मे होती है और ज्ञान बुद्धिस्ट देश जापान, चीन में आता है।”
पौराणिक हिन्दुओ में ज्ञान की देवी “माँ सरस्वती” के नाम से विख्यात देवी की पूजा जापान और चीन दोनों जगहों पर होती है जिनका नाम जापान में Benzaiten (弁才天, 弁財天) है। वहां के सभी शहरों में इनका मन्दिर है। चीन में इन्ही देवी को इन 3 नामो "Biancaitian" अथवा “Tapien-ts'ai t'iennu” अथवा “Miao-yin mu” जाना जाता है। ये देवी भी वीणा (vina) लिए रहती है, जिसको वहां “BIWA” कहा जाता है।
तिब्बत में सरस्वती देवी को “Yang Chenmo” के नाम से जाना जाता है। मंगोल में माँ सरस्वती को “Keleyin ukin Tegri” के नाम से जाना जाता है और थाईलैंड में माँ सरस्वती को “Suratsawadi” (สุรัสวดี) अथवा “Saratsawadi” (สรัสวดี) के नाम से पूजा जाता है।
सरस्वती माता के मंदिर: (Slide Show)
स्रोत:
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