वैदिक धर्म: बुद्धिष्ट देशों में!: भाग-०२

वैदिक पाषाण काल
जापान में भगवान गणेश !
ये मलमूत्र-निवासीयो के द्वारा एक प्रचार चलाया जाता है कि “पौराणिक भगवान गणेश (बुद्धिमत्ता के प्रतीक) को पशु का मुँह लगा दिया गया, कैसा भगवान है? ये सब ब्राह्मणों का गुलाम बनाने का तरीका इत्यादि है। देखो! चीन, जापान बुद्ध देशो में, जहां ये पाखण्ड नही है, कितनी तरक्की की है उन्होंने!”
भगवान गणेश
मित्रो! आपको बताना चाहता हूँ, कि पूरी दुनिया मे सबसे ज्यादा आपके पुराणिक देव गणपति का ध्वजा फहरता है। जापान में भगवान गणेश को पूजा जाता है, जिन्हें वहां “Kangi-ten” (歓喜天) कहा जाता है। जापान में बुद्धिज़्म के “Shingon Sect” (सम्प्रदाय) में भगवान गणेश मुख्यरूप से पूजे जाते है। इन गणपति को वहां “Bodhisattva Avalokiteshvara” के नाम से भी जाना जाता है। जिनके अन्य नाम है-
  1. Shō-ten” (聖天),
  2. Daishō-ten, Daishō Kangi-ten” (大聖歓喜天),
  3. Tenson” (天尊),
  4. Kangi Jizai-ten” (歓喜自在天),
  5. Shōden-sama, Vinayaka-ten, Binayaka-ten” (毘那夜迦天),
  6. Ganapatei” (誐那缽底) and
  7. Zōbi-ten” (象鼻天)।
Maha Peinne (Lord Ganesha) in Japan

बर्मा में देव गणेशा को “Maha Peinne” (မဟာပိန္နဲ) के नाम से जाना जाता है। थाईलैंड में भगवान गणेश को “Phra Phikhanet or Phra Phikhanesuan” के नाम से जाना जाता है।  श्री लंका में गणेश को “Aiyanayaka Deviyo”  के नाम से जाना जाता है। सिंघल द्वीप में गणेश को “Gana deviyo” के नाम से जाना जाता है।
इसके अतिरिक्त चीन, कम्बोडिया, वियतनाम सहित सभी बौद्ध देशो में गणेश पूजे जाते है। जापान में लगभग सभी शहरों में गणेश के मंदिर है। बुद्धिस्ट और पुराण पुस्तको में गणेश को विनायक के नाम से जाना जाता है। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में भी पुराणिक देव गणपति का डंका बोलता है, यहां की 20000 की करेंसी पर गणेश की फ़ोटो है।

भगवान शिव शंकर

मलमूत्र-निवासीवामपंथी अक्सर कहते है कि शिव आदि की पूजा जापान, चीन में नही होती देखो कितना तरक्की हुई है और यहा देखो ब्राह्मणों ने शिव भगवान के नाम पर पाखण्ड फैला रखा है, जिसका भारत के बाहर कोई वजूद नही है।
Kangiten, late 18th- early 19th-century painting by Shorokuan Ekicho: Wikipedia

आपको बताना चाहता हूँ कि देवाधिदेव के नाम विख्यात शिव, सुमात्रा देश में प्रमुख रूप से पूजे जाते है। इसके अतिरिक्त नेपाल, बाली, कम्बोडिया, श्री लंका में भी शिव की पूजा होती है। सिंधु घाटी के लोग भी शिव के पशुपति रूप को पूजते थे। जापान में शिव को “Daijizai-ten or Daikokuten”  (大自在天) के नाम से पूजा जाता है। बौद्ध गर्न्थो में “शिव महाकाल” के नाम से जाने जाते है। बौद्ध ग्रन्थ “Saddharma Puṇḍarīka Sūtra” एवम “Maya Sutta” शिव को ही समर्पित है। ऐसा कोई भी बुद्धिस्ट देश नही है, जहाँ लिंग की पूजा नही होती हो, लिंग पूजा सभी बुद्धिस्ट देशो में होती है। तिब्बत, थाईलैंड, जापान में बुद्ध के लिंग की विशेष रूप से पूजा होती है। बौद्ध देशो में penis (लिंग) फेस्टिवल भी मनाया जाता है।
From left to right, Benzaiten, Kangiten and Bishamonten in the Daishō-intemple.

तिब्बत में बुद्ध मठो में और बुद्धिस्ट अपने घरों में बुद्ध के लिंग को घर के दरवाजे - द्वारों पर लगा के रखते है। यहां जानने योग्य यह है कि हिन्दू पुराणिकों में किसी भी ढंगे- बेढंगे पत्थर पर त्रिपुंड लगाकर शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है, जबकि तिब्बत, जापान, चीन में मानव लिंग की तरह (बुद्ध लिंग के नाम से) ही आकार का यह बड़े-बड़े लिंग जुलूस निकाल कर फेस्टिवल मनाये जाते है। कहा जाता है कि लिंग की प्रतिमा बुरी आत्माओं को दूर रखती है और द्वेष भावना से बचाती है। धारणा ये भी है कि ऐसी पेंटिंग्स उर्वरता को बढ़ाती हैं। कई नि:संतान दंपति हर साल “Chimi Lhakhang” जो कि एक 'उर्वरता मठ' है, तीर्थ करने जाते हैं। यहां बौद्ध भिक्षु उन्हें आशीर्वाद में लकड़ी का लिंग देता है।

स्रोत:
https://ja.m.wikipedia.org/wiki/歓喜天
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Kangiten
http://xd-3.blog.163.com/blog/static/6643674820106140395346/
http://exploresrilanka.lk/2016/03/a-rich-tapestry-of-faith/
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Kataragama_deviyo
http://www.siddhivinayak.org/knowyourdeity1.asp
http://www.lankalibrary.com/rit/ancient.htm
https://commons.m.wikimedia.org/wiki/File:Maha_Peinne_(Ganesha)_nat.jpg
https://simple.m.wikipedia.org/wiki/Daikokuten

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