फिरोज खान से फिरोज गांधी कैसे बने ?

Marry of firoj and indira gandhi

क्या कभी आपने सोचा है कि फिरोज गांधी के पूरे खानदान में किसी का सरनेम “गांधी” नहीं था फिर उनका नाम अचानक फिरोज खान से फिरोज गांधी कैसे हो गया?
फिरोज गांधी के पिता जहांगीर खान भरूच में रहने वाले सुन्नी मुसलमान थे और उन्होंने एक पारसी महिला रति बाई से निकाह किया। रति बाई ने भरूच के मस्जिद में बकायदा इस्लाम कबूल करके जहांगीर खान से निकाह किया।
उन दोनों का बेटा हुआ फिरोज खान जो बचपन से ही थोड़ा विद्रोही स्वभाव का था, वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ। आजादी की लड़ाई में भी रहा, पत्रकार बना फिर घूमते-घूमते उत्तर भारत में जा बसा। जब वह लंदन में था, तभी उसकी मुलाकात इंदिरा गांधी से हुई और दोनों ने एक मस्जिद में निकाह किया और निकाह के पहले इंदिरा गांधी को बकायदा मुस्लिम बनाया गया और उनका मुस्लिम नाम “मैमुना बेगम” रखा गया।
इंदिरा और फिरोज ने लंदन में एक मस्जिद में जाकर निकाह कर लिया था और इंदिरा को मुसलमान धर्म स्वीकार करना पड़ा।"
प्रयागराज स्थित फिरोज़ गांधी का कब्र! ध्यान रहे कि पारसियों का कब्र नही होता है। 
फिर जब यह खबर नेहरू को मिली तो नेहरू ने दोनों को बुलाया। नेहरू बहुत परेशान हुआ फिर नेहरु ने अपने सलाहकारों की मदद से एक धूर्त चाल चला और यह प्रचारित करवा दिया कि "उसका दामाद मुस्लिम नहीं बल्कि पारसी है और उसे गांधी सरनेम दे दिया।"
अब एक मुस्लिम का बेटा पारसी कैसे हो सकता है?
यह बात कभी कांग्रेसी कु$त्ते नहीं बताते और हां! अगर कांग्रेसी कुत्तों के हिसाब से मान लिया जाए कि फिरोज गांधी पारसी थे तो फिर राजीव गांधी भी पारसी हुए और फिर राहुल गांधी भी पारसी। फिर यह कांग्रेसी कुत्ते अचानक राहुल गांधी को जनेऊ धारी हिंदू ब्राम्हण (??) कैसे बताने लगे यही समझ के बाहर है।
नेहरू डायनेस्टी के लेखक के “एन.राव” के अनुसार, "इंदिरा और फिरोज ने लंदन में एक मस्जिद में जाकर निकाह कर लिया था और इंदिरा को मुसलमान धर्म स्वीकार करना पड़ा।"
इंदिरा और फिरोज ने लंदन में एक मस्जिद में जाकर निकाह कर लिया था और इंदिरा को मुसलमान धर्म स्वीकार करना पड़ा।"
कुछ वर्ष पूर्व की बात है कि राहुल गांधी इलाहाबाद के दौरे पर गए थे, तो रात के अंधेरे में वह फिरोज गांधी की कब्र भी देख आए। यह समाचार सिर्फ एक पारसी समाचारपत्र ने ही प्रकाशित किया था। फिरोज गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और उनसे खुद जवाहरलाल नेहरू भयभीत रहते थे। फिरोज गांधी अनेक बार लोकसभा के सदस्य चुने गए।
1942 में राजीव के जन्म के बाद ही दोनों पति-पत्नी अलग हो गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूनुस ने अपनी पुस्तक में लिखा था कि “संजय गांधी का मुसलमान ढंग से खतना किया गया था।”
इंदिरा और फिरोज ने लंदन में एक मस्जिद में जाकर निकाह कर लिया था और इंदिरा को मुसलमान धर्म स्वीकार करना पड़ा।"
फिरोज गांधी के पिता जहांगीर खान मुसलमान थे। जबकी उनकी मां रत्तीमाई जो कि पहले पारसी थी, बाद में मुसलमान बन गई थी। फिरोज गांधी की कब्र इलाहाबाद के कब्रिस्तान में मौजूद है, जबकि पारसियों की कब्र नहीं बनाई जाती।
फिरोज गांधी को भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाला पहला व्यक्ति माना जाता है। उन्होंने अपने युग के आर्थिक घोटाले का पर्दाफाश किया था और उसके कारण तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा था। फिरोज के इस रवैये से नेहरू बहुत परेशान थे। 1960 में जब फिरोज गांधी का निधन हुआ तो दोनों ने चैन की सांस ली।


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