कांग्रेस ने हिन्दुओ को कैसे धोखा दिया! 12 उदाहरण

कांग्रेस भारत को संविधान के माध्यम से मुस्लिम राष्ट्र बना चुकी थी। बस वह इसकी घोषणा नहीं कर पाई!”

 किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि “कांग्रेस भारत को संविधान के माध्यम से मुस्लिम राष्ट्र बना चुकी थी। बस वह इसकी घोषणा नहीं कर पाई!”  
   मनमोहन सिंह ने जब कहा था कि "देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है!" वह इसी घोषणा का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस ने आशा नहीं की थी कि हिंदुओं की ओर से इतना कड़ा विरोध देखने को मिलेगा। भारत को शरिया पर आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाने का अभियान उसी दिन आरंभ हो गया था, जिस दिन पाकिस्तान बना।  

१- धर्मांतरण को वैध बनाया 

  वर्ष 1950 में संविधान के अनुच्छेद-25 के माध्यम से धर्मांतरण को वैध बना दिया गया। यह जानते हुए कि चारों प्रमुख भारतीय धार्मिक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन बलपूर्वक या लालच देकर धर्मांतरण नहीं करते, जबकि दोनों अब्राहमिक मजहब प्रोस्लेटिक अर्थात धर्मांतरण पर आधारित हैं। 

२- हिंदुओं से धार्मिक शिक्षा छीना

   कांग्रेस ने अनुच्छेद-28 के माध्यम से हिंदुओं को धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार छीन लिया। लेकिन अनुच्छेद-30 बनाकर मुस्लिमों और ईसाइयों को मजहबी शिक्षा देने की छूट दे दी। कोई और देश होता तो इसे धार्मिक अत्याचार की श्रेणी में रखा जाता।  

३- हिंदुओ से मन्दिरों को छीना

   इसके बाद 1951 में सभी मंदिरों के चढ़ावे का पैसा हिंदुओं से छीन लिया गया। कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं पर तो सेकुलर कानून थोप दिया, लेकिन मुस्लिम और ईसाई पर्सनल लॉ को छुआ तक नहीं। उन्हें बहु-विवाह की छूट दी गई ताकि वे तेजी से जनसंख्या बढ़ा सके। 

४- लव जिहाद का रास्ता बनाया

   1954 में ‘स्पेशल मैरिज एक्ट’ लाया गया! ताकि मुस्लिम लड़के आसानी से हिंदू लड़कियों से शादी कर सके। फिर फिल्मों और साहित्य के माध्यम से इसे ग्लैमराइज किया गया। आज इसी का परिणाम है कि हर वर्ष सैकड़ों हिंदू लड़कियां लव जिहाद में मारी जा रही हैं। 

५- संविधान में सेकुलरिज्म शब्द जोड़ा

   वर्ष 1975 भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण था, जब आपातकाल लगाकर संविधान में सेकुलरिज्म शब्द जोड़ दिया गया। 

६- सेक्युलर देश मे अल्पसंख्यक आयोग

वर्ष 1991 में सोनिया गांधी के दबाव में अल्पसंख्यक आयोग बना। जबकि किसी सेकुलर देश में मजहबी पहचान के आधार पर विशेषाधिकार नहीं हो सकते। इसके बाद ही मुसलमानों के लिए विशेष अनुदान की भरमार हो गई।  

७- हिन्दुओ के मन्दिरों के दावे को खत्म किया

   वर्ष 1992 में कांग्रेस ने ‘पूजा स्थल अधिनियम’ बनाकर एक झटके में 40,000 मंदिरों पर हिंदुओं के दावे को समाप्त कर दिया। 

८- लोकतंत्र का कलंक ‘वक्फ कानून’ बनाया

   वर्ष 1995 में कांग्रेस ने ‘वक्फ कानून’ बनाकर मुसलमानों को यह अधिकार दे दिया कि वे जब जहां चाहे हिंदुओं की भूमि छीन सकते हैं। इसके विरुद्ध कोई कोर्ट में अपील नहीं कर सकता। 

९- ‘राम काल्पनिक चरित्र’ बताया

   वर्ष 2007 में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया कि ‘राम एक काल्पनिक चरित्र’ थे, इसलिए रामसेतु को तोड दिया जाना चाहिए। 

१०- हिंदुओ को अतंकवादी बताया गया

   इसके बाद कांग्रेस ने हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने पर पूरी शक्ति लगा दी। देश भर में हिंदू साधु संतों की धरपकड़ होने लगी। उन्हें बर्बर तरीके से यातनाएं दी जाने लगी। इस पूरे प्रोजेक्ट की सीधी निगरानी सोनिया गांधी कर रही थी। 

११- हिन्दुओ के खिलाफ बिल लाया गया

   2013 में सोनिया गांधी के ही कहने पर ‘कम्यूनल वायलेंस बिल’ लाया गया। इसमें व्यवस्था थी कि कहीं भी दंगा होने की स्थिति में स्वाभाविक रूप से हिंदुओं को दोषी माना जाएगा। बीजेपी ना होती तो यह कानून भी बन चुका होता। 
   हमें भूलना नहीं चाहिए कि शक्तिशाली रोमन साम्राज्य के पतन में केवल 80 वर्ष लगे थे। कांग्रेस ने हिंदुओं को नष्ट करने के लिए बिल्कुल वही फार्मूला अपनाया जो रोमन साम्राज्य को नष्ट करने के लिए किया गया था। 

1२- हिन्दु धन को पुनर्वितरण 

   यह कांग्रेस का दुस्साहस है कि उसने 2024 के चुनावी घोषणा पत्र में लिखा है कि वह हिंदुओं का धन लेकर मुसलमानों में उनका पुनर्वितरण करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने जब यही बात पकड़ ली और उसे आसान भाषा में जनता को समझा दिया तो पूरा कांग्रेसी तंत्र बोखला उठा।
   “तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में! गोल ले लेंगे सबको वितरित कर देंगे और पहले जब उनकी सरकार में उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है! इसका मतलब यह संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बाटेंगे! घुसपैठ को बाटेंगे! क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है? ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो?  कह रहा है कि वो माताओं बहनों का सोने का हिसाब करेंगे! उसकी जड़ती करेंगे, जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे!” - नरेन्द्र मोदी
    मनमोहन सिंह ने बिना कारण ही नहीं कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है! वे और उनकी पार्टी इसी नीति पर लंबे समय से काम कर रहे थे। कांग्रेस कोई चुनाव हारती है या जीतती है! यह बहुत महत्त्वपूर्ण नहीं है। सोचने वाली बात है कि इतने दशकों से देश में क्या चल रहा था। यदि कांग्रेस छोड़ने वाला हर नेता यही कह रहा है कि “यह पार्टी हिंदुओं से घृणा करती है!” तो यह संयोग मात्र नहीं हो सकता। 
   प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार इस विषय पर खुलकर बोला है। हम समझ सकते हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में वे ढेरों मर्यादा से बंधे है। लेकिन उन्हें भी पता होना चाहिए कि दुष्टों के सामने मर्यादाओं का पालन आत्मघाती होता है। अब यह प्रधानमंत्री मोदी का उत्तरदायित्व है कि वे सनातन धर्म को नष्ट करने और भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के प्रयासों को जड़ से उखाड़ फेंकने का काम करेंगे!  
   हमारा एक मात्र उद्देश्य हिंदू समाज को जागृत और एकजुट करना है इसमें सहभागी बने! धन्यवाद!!


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