कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड ने एक लेख प्रकाशित किया है। जिस जिसका सार यह है कि “माओवादी आतंकी और नक्सली भारत के लिए कोई खतरा नहीं है, और बहुत ही कम माओवादी आतंकियों और नक्सलियों के पास उच्च क्षमता के हथियार है। और लेख के अनुसार भारतीय सुरक्षा बल कहीं अधिक शक्तिशाली हैं और सरकार जबरदस्ती इन माओवादी नक्सली आतंकियों से लड़ने पर इतना पैसा खर्च कर रही है, और यह माओवादी आतंकियों संग लड़ाई केवल मोदी नीत भाजपा सरकार का जनता को भ्रमित करने का प्रोपेगेंडा है।
यह नेशनल हेराल्ड उसी कांग्रेस का मुखपत्र है जिस कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवादी आतंकियों और नक्सलियों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था और उसी कांग्रेस के गृहमंत्री शिंदे ने और पूर्व रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इन माओवादी नक्सली आतंकियों की बर्बरता का बखान सदन में खड़े होकर किया था जो आज भी संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड में उपलब्ध है।
25 कांग्रेसी नेताओं को मार चुके है नक्सली
यही माओवादी आतंकी नक्सली IED लगा-लगाकर हमारे सुरक्षाबलों CRPF और पुलिस पर असंख्य के हमले कर चुके हैं और सुरक्षाबलों की गश्त के दौरान सैकड़ों वाहन उड़ा चुके हैं जिसमें अभी तक हजारों सुरक्षाबल और जवान मारे गए हैं। और तो और छत्तीसगढ़ में इन्हीं माओवादी नक्सलियों ने पूरी कांग्रेस के यूनिट का सफाया कर दिया था। जिसमें विद्याचरण शुक्ला, महेंद्र कर्मा और नंद किशोर शामिल थे, कुल मिलाकर 25 कांग्रेसी नेता नक्सली द्वारा मारे गए थे। और अभी तक यह नक्सली हजारों की संख्या में CRPF, पुलिस व आम नागरिकों की बर्बरता पुर्वक विभत्स हत्या कर चुके हैं।
कांग्रेस के अखबार में नक्सली आतंकवादियो के लिए प्रेमगाथा |
यह वामपंथी नक्सली आतंकवादी अपने क्षेत्रों में आम नागरिकों से जबरन धन उगाही और वसूली करते हैं, स्कूल खोलने नहीं देते, पुल बनने नहीं देते, सड़क बनने नहीं देते, हॉस्पिटल उड़ा देते हैं, मोबाइल टावर उड़ा देते हैं। स्थिति यह है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों ने ट्रेन और बस तक नहीं देखी है। क्योंकि यह बामपंथी नक्सली यह सुनिश्चित करते हैं की आम जन-मानस विकास का कोई लाभ ना ले सके और आजीवन इन वामपंथी नक्सली आतंकवादियों का बंधुआ मजदूर बना रहे। यह सभी बातें कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने संसद के पटल पर सत्ता में रहते समय रखी थीं।
परन्तु आज कांग्रेस के अनुसार यह हत्यारे माओवादी आतंकी भारत के लिए खतरा ही नहीं है और क्योंकि आज यह नक्सली भाजपा और मोदी के विरुद्ध है इसीलिए कांग्रेस आज इन के पक्ष में खड़ी हुई है।
याद कीजिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का षड्यंत्र रचने वाले बामपंथी आतंकियों के पास से जो चिट्टियां मिली थी उसमें उल्लेख था "फ्रेंड्स इन कांग्रेस" का, जिनके विषय में कहा गया था कि वह वामपंथियों के ओवर ग्राउंड वर्करस् को आर्थिक व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाएंगे, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कांग्रेस आज के समय में नक्सलियों और वामपंथी आतंकियों को पूर्ण रुप से सहयोग कर रही है।
वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस की नीति बहुत ही सरल है जिसके अनुसार "शत्रु का शत्रु मित्र होता है" यानी जो भी कोई भाजपा और मोदी के विरोध में खड़ा है, वह कांग्रेस का मित्र है, चाहे वह पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी हो, देश के अंदर छुपे वामपंथी आतंकी हो, या फिर चीन के एजेंट हो, और कांग्रेस आवश्यकता पड़ने पर इनमें से किसी का भी सहयोग लेने से हिचकेगी नहीं।
इसके कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा हूं-
- जब जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगे थे और कहा गया था "भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह" तो कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी जाकर उनके पक्ष में उनके साथ जेएनयू मैं बैठ गए थे।
- कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में जाकर पाकिस्तानी उसे यह सहायता मांग रहे थे कि मोदी को हटाइए हमें ले आई है इसका अर्थ आप स्वयं निकाल सकते हैं।
- जब मोदी नीति भाजपा सरकार ने उड़ी आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों को मारा था। सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो वह कांग्रेस के ही नेता थे जो उसे फर्जी बोल रहे थे और पाकिस्तान की एजेंसियों के सुर में सुर मिला कर बात कर रहे थे।
- जब सेना ने कश्मीर में बुरहान वानी जैसे आतंकी को मारा था तो कांग्रेस के ही नेता थे जिन्होंने सेना अध्यक्ष को गली का गुंडा कह दिया था।
- जब डोकलाम में भारतीय फौज भारत की सीमा को पार कर भूटान के क्षेत्र डोकलाम में चीनी सेना के सामने बंदूक ताने खड़ी थी, तो कांग्रेस के ही अध्यक्ष राहुल गांधी चोरी-छिपे बंद कमरे में चीनी अंबेसडर के संग गुप्त मीटिंग कर रहे थे और डोकलाम पर भारतीय सरकार के पक्ष के साथ खड़े होने के बजाए चीन की भाषा बोल रहे थे।
- पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों और उनके हाफिज सईद जैसे सरगना पहले ही खुल कर अपना समर्थन कांग्रेस को दे चुके है। जिसका वीडियो आज भी YouTube पर उपलब्ध है।
- भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल और सबसे बड़े विपक्षी दल कि वास्तविकता यह है कि भाजपा के विरुद्ध खड़ा हुआ हर व्यक्ति आज कांग्रेस का मित्र है, भले ही वह भारत का शत्रु हो और उसका समर्थन करने से राष्ट्रहित की बलि चढ़ जाए, किंतु कांग्रेस को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
राष्ट्रहित ना कभी कांग्रेस की प्राथमिकता रहा है, और ना ही आज है।
:🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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