नाले की गैस से स्टोव जलाता हुआ |
विश्व जैव ईंधन दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शख्स का जिक्र किया था, जिसने नाले से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल कर चाय बनाई थी। पीएम की इस बात को विपक्ष ने उन पर निशाना साधने का बहाना बना लिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का रोजगार मॉडल यह है कि युवा पकौड़े बनाएं और उसके लिए ईंधन का इंतजाम नाले की गैस से करें। इस बारे में अब वह शख्स खुद सामने आया है जिसका जिक्र पीएम ने अपने भाषण में किया था।
पेटेंट भी कराये है श्याम राव शिरके
सीवेज स्लज से बायो सीएनजी बनाने वाले मकैनिकल कॉन्ट्रैक्टर श्याम राव शिरके ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसी मशीन बनाई थी जो नाले की गैसों का इस्तेमाल कर खाना पकाने के काम आ सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके नाम इस मशीन का पेटेंट भी मौजूद है। उन्होंने बताया, 'मैंन नालों से पानी इकट्ठा करके मिनी कलेक्टर बनाया। इसमें पानी के बुलबुले पकड़े। एक ड्रम की मदद से गैस होल्डर बनाया गया। जब इसका टेस्ट किया गया तो यह सफलता से चला। मैंने उससे स्टोव लगाया और चाय बनाई।'
I collected water from drains&made mini 'collector' to collect water bubbles, used a drum to make a gas holder. When tested,system was functional. I connected it to a gas stove&made tea: Shyam Rao Shirke, mechanical contractor who patented production of bio-CNG from sewage sludge pic.twitter.com/vpGUGHLd9l— ANI (@ANI) August 14, 2018
पेपर लिखकर भूल चुके थे...
उन्होंने बताया कि उन्हें छत्तीसगढ़ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ने अगले चरण तक ले जाने के लिए कुछ रुपये दिए। उससे उन्होंने एक नाले में इन्स्टॉलमेंट किया। अगले तीन दिन में मतलब भर की गैस जमा हो गई थी। इसे एक घर में लगाया था जहां इससे 4-5 महीने तक खाना पकाया गया। वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि उनके पेपर को उच्च प्रशासन को भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दो साल हो चुके हैं और वह उस बारे में भूल गए। उन्होंने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि मोदी जी ने अपने भाषण में उनके आविष्कार का जिक्र किया।
राहुल के बयान से आहत
उन्होंने कहा कि उनके पास कोई आर्थिक सहायता नहीं है। नगर पालिका के लोगों ने यह कहकर उनका सामान फेंक दिया कि वह बेकार है। साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के लोगों ने उन्हें एफआईआर कराने की सलाह दी लेकिन वह निराश थे, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने बताया कि गैसैं उत्सर्जित करने वाले और पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाले नालों का इस्तेमाल कर ईंधन बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे राष्ट्रहित में किए जाने वाला काम बताया और कहा कि राहुल गांधी का बयान उन्हें अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि राहुल 'अपरिपक्व' होंगे।
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