बुद्ध की 84 हजार पत्नियाँ का सच और भद्रकञ्चना अर्थात यशोधरा

क्या भगवान बुद्ध की 84 हजार पत्नियाँ थी? भद्रकञ्चना अर्थात यशोधरा कौन थी?Did Lord Buddha have 84 thousand wives? Who was Bhadrakanchana or Yashodhara?

भारतीय पौराणिक इतिहास मे आपने अक्सर लोगों के द्वारा यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि श्रीकृष्ण की 16 हजार पटरानियां थी। यह तो केवल अनुश्रुतियां है, उनकी एक ही पत्नी थी उनका नाम रूखमणी था, लेकिन यहां विषय दूसरा है। शायद बहुत कम ही लोग यह जानते होंगे की गौतम बुद्ध (युवराज सिद्धार्थ) की 84 हजार पटरानियां थी। गौतम बुद्ध जब राजमहल मे थे तब उनके महल मे एक पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्रियों का उल्लेख बौद्ध दर्शनों एवं साहित्यों में मिलता है।
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बुद्ध की कितनी स्त्रियां थीं?

    जैसा कि सभी इस सच को जानते हैं बुद्ध भी बुद्ध होने से पहले एक राजकुमार थे, तो दूसरे राजाओं या राजकुमारों जैसे शुभ आकांक्षा उन्हे भी रही होंगी। वैसे भी कहा जाता है कि जब व्यक्ति सारी भौतिक सुख भोग लेता है, तभी उसका इससे मोह भंग होता है। गौतम बुद्ध के साथ भी ऐसा ही हुआ जरूर हुआ होगा।

 क्या बुद्ध की चौरासी हज़ार स्त्रियां थीं?

    बौद्धग्रंथ ललितविस्तर अध्याय-12 के शिल्पसंदर्शनपरिवर्त के अनुसार गौतम बुद्ध के रमण कक्ष मे उनकी पत्नि के अतिरिक्त चौरासी हजार स्त्रियाँ थी। ललितविस्तर मे इस अध्याय के अतिरिक्त भी और कई जगह लिखा है कि भगवान बुद्ध चौरासी हजार स्त्रियों के साथ खेलते-कूदते तथा लोक-व्यवहार किया करते थे। 

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 ललितविस्तर ही बुद्ध की जीवनी है

    लेकिन भगवान बुद्ध के कुछ अनुयाई इसे झुठलाने के लिये तरह-तरह के कुतर्क करते हैं और कहते हैं यह ललितविस्तर तो महायानियों का ग्रंथ है, अतः हम इसके प्रमाण नही मानते। जबकी तिब्बत, चीन, जापान, कोरिया और मंगोलिया मे ललितविस्तर ही बौद्धधर्म का मूलग्रंथ है। दूसरी बात बिना ललितविस्तर के कोई भी बौद्ध गौतम की जीवनी नही जान सकता, जबकी त्रिपिटक बुद्ध की जीवनी नही, बल्कि उनका उपदेश है। 

   जैसे कोई हिन्दू गीता पढ़कर कृष्ण का जीवन-चरित्र नहीं समझ सकता है, उसके लिये उसे महाभारत या पुराणों को पढ़ना पड़ेगा। क्योंकि गीता कृष्ण की कथा नही बल्कि उनका उपदेश है। ठीक ऐसे ही त्रिपिटक भी बुद्ध के उपदेशों का संग्रह है।

भगवान बुद्ध ने कितनी स्त्रियों का नैवेद्य किया था

   ललितविस्तर में ही  गौतम बुद्ध ने अजातशत्रु से कहा है कि मै हजारों स्त्रियों को छोड़कर घर से निकला हूँ। अर्थात भगवान गौतम बुद्ध ने जब गृह त्याग किया था, उसके पूर्व हजारों स्त्रियों से उनका अनुराग रहा होगा।

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थेरवादी एवं हिनयानों का सर्वोपरि ग्रंथ?

   थेरवादियों (हीनयान) के जिस त्रिपिटक को नवबौध्द सर्वोपरि ग्रंथ मानते हैं, उसमे भी बुद्ध की एक से अधिक पत्नियों का वर्णन है। 

 सुत्तपिटक में बुद्ध ने क्या कहा है? 

   सुत्तपिटक के खुद्दकनिकाय मे गौतमबुद्ध ने स्वयं कहा है कि "मेरे अन्तःपुर मे चालीस हजार स्त्रियाँ थी, और उनमे भद्रकञ्चना (यशोधरा) मेरी पटरानी थी।"

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बौद्ध ग्रंथ तिपिटक एवं ललितविस्तर से निष्कर्ष क्या है?

    निष्कर्ष यह निकलता है कि भगवान बुद्ध भी गृहस्थ-त्याग से पूर्व भौतिक सुख में अनुराग से अछूते नहीं रहे होंगे! यह कहना अन्तिश्योक्ति नहीं होगी कि उनका सहस्त्र स्त्रियों से निकटता रही होंगी।

Aage

और पढ़े.. मनुवाद : प्रमाण सहित भंडाफोड़ 

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