17 वर्षीय मेनका और 27 वर्षीय संजय गाँधी की शादी

17 वर्षीय मेनका और 27 वर्षीय संजय गाँधी की शादी

    26 अगस्त 1965 को मेनका गांधी का जन्म दिल्ली के एक सिख परिवार में हुआ था। संजय गांधी के दोस्त के घर हुई एक पार्टी में पहली बार मेनका और संजय गांधी की मुलाकात हुई थी। इसी दौरान संजय गांधी को वह पहली नजर में पंसद आ गईं। जब दोनों के बीच प्यार हुआ तब मेनका 17 साल और संजय 27 साल के थे। जन्मदिन के मौके पर हम उनकी और संजय गांधी के बीच के रिश्ते की पूरी कहानी जानेंगे।

इस कहानी का सोर्स जेवियर मोरो की सोनिया गांधी पर लिखी किताब "द रेड साड़ी" है। {alertInfo}

संजय के जन्मदिन पर संजय से मुलाकात 

    14 दिसंबर 1973, संजय गांधी का 27वां जन्मदिन था। वह अपने एक दोस्त की शादी से पहले होने वाली कॉकटेल पार्टी में गए थे। जिस लड़के की शादी थी उसी ने संजय की मुलाकात 17 साल की मेनका आनंद से करवाई। वह एक रिटायर्ड सिख कर्नल की बेटी थीं। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई छोड़कर पत्रकार बनने की तैयारी कर रही थीं।  

मेनका ने कई ब्यूटी कॉम्पटीशन भी जीते थे। उनका चेहरा फोटोजेनिक था, इसलिए मॉडलिंग भी करती थीं।
मेनका ने कई ब्यूटी कॉम्पटीशन भी जीते थे। उनका चेहरा फोटोजेनिक था, इसलिए मॉडलिंग भी करती थीं।

    इस मुलाकात से मेनका पर बहुत असर नहीं पड़ा। लेकिन संजय पर ऐसा असर पड़ा कि वह अपना सारा खाली समय मेनका के ही साथ बिताने लगे। वह मेनका को लेकर किसी होटल या रेस्त्रा में नहीं जाते, बल्कि अपने किसी दोस्त के घर चले जाते थे। मेनका और संजय की इस मुलाकात से घर पर कोई बहुत प्रभावित नहीं था। इंदिरा गांधी को लगता था कि सत्ता के चलते लोग गांधी परिवार के साथ जुड़ना चाहते हैं। सोनिया कहती थीं कि सैबिन के मुकाबले मेनका अभी बच्ची है। 

मेनका गांधी मॉडलिंग में कई अवार्ड जीती थी!
मेनका गांधी मॉडलिंग में कई अवार्ड जीती थी!

   मेनका की कहानी आगे बढ़ें, इसके पहले सैबीन के बारे में जान लेते हैं। क्योंकि बिना सैबिन की चर्चा के यह कहानी अधूरी है। {alertInfo}

    इंग्लैंड पढ़ने गए तो जर्मन लड़की से प्यार हो गया राजीव गांधी की तरह संजय भी पढ़ाई करने इंग्लैंड गए। यहां उनकी मुलाकात जर्मनी की रहने वाली सैबीन वॉन स्टीग्लिट्स से हुई। संजय की उनसे पहले दोस्ती हुई फिर दोनों के बीच प्यार हो गया। लेकिन कुछ दिन बाद ही अलग हो गए। 1970 में संजय पढ़ाई पूरी करके भारत लौटे और मारुति कार बनाने के काम में लग गए। सैबीन भी दिल्ली में आकर नौकरी करने लगी। सैबीन को जब भी वक्त मिलता वह सफदरगंज के उनके घर आ जाती थीं।

संजय ने उड़ते प्लेन से वापस बुला लिया

   "द रेड साड़ी" किताब में जेवियर मोरो लिखते हैं, "सैबीन ने भारत छोड़ने का फैसला कर लिया। वह यूरोप के लिए जब जा रही थीं, तब सोनिया गांधी उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने गई थीं। संजय को जब यह पता चला तो उन्होंने हवाई जहाज उड़ा रहे पायलट से बात की। उन्हें जहाज को वापस दिल्ली लाने को कहा। जहाज तेहरान पहुंच था, लेकिन संजय का प्रभाव कुछ ऐसा था कि पायलट विमान को दोबारा दिल्ली ले आया। दो दिन बाद सैबीन को दोबारा देखकर सोनिया हैरान रह गईं।" 

24 सितंबर 1974 को मेनका और संजय की शादी हुई। फोटो में इंदिरा गांधी के सामने राहुल नजर आ रहे हैं।
24 सितंबर 1974 को मेनका और संजय की शादी हुई। फोटो में इंदिरा गांधी के सामने राहुल नजर आ रहे हैं।

   सैबीन संजय के इंतजार से थक गईं तो दिल्ली के ही गोथे इंस्टीट्यूट के एक टीचर से शादी कर ली। यह पीएम इंदिरा गांधी के लिए सबसे राहत भरी बात थी। क्योंकि, वह नहीं चाहती थीं कि उनकी दोनों बहुएं विदेशी हों। 

यहां पर संजय की अधूरी लव स्टोरी खत्म होत है। अब हम फिर से मेनका आनंद के साथ उनके रिश्ते को जानते हैं। {alertInfo}

    इंदिरा से मिलीं मेनका तो मॉडलिंग की बात छिपा ली जनवरी 1974 में संजय ने मेनका आनंद को मां से मिलवाने के लिए घर बुलाया। मेनका घर पहुंचीं तो सहमी नजरों के साथ चारों तरफ रखी चीजें देखने लगीं। मेनका को उम्मीद नहीं थी कि संजय से मुलाकात के करीब एक महीने बाद ही उन्हें देश की सबसे शक्तिशाली महिला के सामने बैठना पड़ेगा। इंदिरा आईं तो कहा, "संजय ने तुम्हारा परिचय नहीं दिया, तुम अपने बारे में बताओ।" मेनका डर रही थीं, उन्होंने किसी तरह से अपने बारे में बताया, लेकिन मॉडलिंग की बात छिपा ली। उन्हें यह बताना सही नहीं लगा।

   इंदिरा गांधी ने मुलाकात के बाद कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि संजय गांधी उन्हें अक्सर लड़कियों से मिलवाते रहे थे।


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