फिलिस्तीन के आतंकवदियों को इजराइल खत्म कर के ही मानेगा

भारत-पाकिस्तान लड़ाई शुरू होने से पहले पाकिस्तान में फ़िलिस्तीन को लेके भारी हमदर्दी थी, इसराइल के प्रति गहन रोष था। इसके चलते पाकिस्तान ने अनेक यहूदी प्रोडक्ट्स मसलन कोको कोला का बहिष्कार किया था।

     ७ अक्टूबर २०२३ की बात है! जब इसराइल में हमास ने आतंकी हमला किया था- अनेक यहूदी लोगों को मारा और अनेकों को बंधक बना साथ ले गए थे। तब से लेकर अब तक पंद्रह महीने हो चुके है और इसराइल ने गाजा को श्मशान बना दिया है।
   इन पंद्रह माह में इसराइल अब तक पचास हज़ार फ़िलिस्तीन नागरिकों को जन्नत का एक तरफा टिकट पकड़ा चुका है। हालत ये है कि आज गाजा पट्टी में अकाल की स्थति पनप चुकी है। वहाँ शेष लोगों के लिए खाना नहीं है। अरब देशों के लाख कोशिशों के बाद भी इसराइल इन लोगों तक रसद नहीं पहुँचने दे रहा है।
    कल हमास ने एक बंधक जो अमेरिकी नागरिक भी है; उसे पंद्रह माह बाद आज़ाद कर दिया और वो अब अपने परिवार के पास पहुँच चुका है। हमास अमेरिका से गुहार लगा रहा है कि अब तो अमेरिकन नागरिक भी छोड़ दिया। अब सीज फायर करवा दो , ऐ! शांतिदूत!
   ट्रम्प ने इसराइल से अनेक बार कहा है कि “अब मार काट बंद कर दें!” किंतु इसराइल है कि मानता ही नहीं। इसराइल ने अस्पताल, स्कूल, मदरसे, दफ़्तर, घर, बीच सब को अपने क़हर का निशाना बनाया है। यही नहीं- जो लोग इस क़हर से बच गए थे और शरणार्थी कैम्प में तंबू लगा कर रह रहे थे- उन्हें भी इसराइल ने उड़ा दिया! उनके तंबू का बंबू खींच लिया।
   ट्रंप ने कहा है कि इसराइल से कहा कि वहाँ सीजफायर करवा देंगे और फिर गाज़ापट्टी अमेरिका फिर से बसाएगा! किंतु वो अमेरिका की क्षेत्र होगा। और बचे हुए पैलेस्टाइनी लोगों को वो जॉर्डन और इजिप्ट शिफ्ट करवा देंगे। ये ट्रम्प का मंसूबा है।
    किंतु सऊदी अरब ने अनेक अरबी मुल्कों और इंग्लैंड, फ्रांस आदि का समर्थन हासिल कर कहा है कि वे सब मिलकर चंदा देंगे ताकि गाजा में पैलेस्टाइनी लोग फिर से आबाद हो सकें। ट्रम्प ने इस पर अब तक कोई रजामंदी नहीं जताई है।
   ट्रम्प कल से गल्फ के दौरे पर निकल रहे है- इसराइल कदाचित ना जायें। इसराइल ने ये भी कहा है कि उसे अब अमरीका से मिल रही चार बिलियन डॉलर की सहायता राशि अब नहीं चाहिए। बस वो वही करेगा जो उसका मन चाहेगा।
    हंगर इंडेक्स ने चिंता जताई है कि गाजा के बच गए 20 लाख लोग भुखमरी से गुज़र रहे है और अब ना जाने क्या होगा। गौर तलब है कि इसराइल ने उन तक पहुँचने वाली सब रसद रोक दी थी।
   भारत-पाकिस्तान लड़ाई शुरू होने से पहले पाकिस्तान में फ़िलिस्तीन को लेके भारी हमदर्दी थी, इसराइल के प्रति गहन रोष था। इसके चलते पाकिस्तान ने अनेक यहूदी प्रोडक्ट्स मसलन कोको कोला का बहिष्कार किया था। फ़िलिस्तीन बिरादर हेतु जगह-जगह चंदा भी इक्कठा किया गया था। बस एक ही पेंच फँस गया था।
   फ़िलिस्तीन और पाकिस्तान के बीच इस चंदे का कोई भी ब्रिज नहीं था- इसका मतलब जो भी रकम चंदे में आई, उस रकम का फ़िलिस्तीन पहुँचने का कोई भी मार्ग नहीं था। इसके चलते बड़ी रकम जो चंदे में जोड़ी गई थी, वो पाकिस्तान में ही कुछ एनजीओ ने गबन कर ली। ये बात सैयद मुजम्मिल ने अपने एक पॉडकास्ट में दावे के साथ कही थी। 
    फ़िलिस्तीन के लिए भारत में भी काफ़ी सहानुभूति की लहर थी- कदाचित अब भी हो। “ऑल आईज ऑन गाजा” नामक सोशल मीडिया केम्पन भी शुरू किया गया था। जिसमे अनेक बॉलीवुड अदाकाराओं ने इसका प्रचार किया था। लगता है इधर भी इक्कठा की गई रकम फ़िलिस्तीन ना पहुंचीं। यदि पहुची होती तो आज भुखमरी की स्थिति ना आई होती। 
    फ़िलिस्तीन में भुखमरी से जूझते हुए 20 लाख लोगों के लिए दो शब्द अवश्य कहें। दो शब्द ना कह सकें तो फ़ातिहा अवश्य पढ़ें- उनके लिए जो जन्नत की सैर पर भेज दिए गए।
“ये यहूद वक़्त से पहले क़यामत कर न दे बरपा!”

Post a Comment

Previous Post Next Post