दूसरा फरमान : शाहजहाँ का राजा जयसिंह के नाम दूसरा फरमान (३ फरवरी सन्‌ १६३३) : ताजमहल का सच

Shahajahan ka Framan
शाहजहाँ द्वारा राजा जयसिंह को दूसरा फरमान (बड़ा देखने के लिए फोटो पर क्लिक करे)

(हिंदी अनुवाद)
भगवान महान है।
मुहर
अबुल मुजफ्फर शिहाब. अलदीन मुहम्मद साहिब ए किरान सानी, शाहजहाँ पादशाह गाजी सुपुत्र नूर अलदीन जहाँगीर पादशाह गाजी, सुपुत्र अकबर पादशाह सुपुत्र हुमायूँ पादशाह सुपुत्र बाबर पादशाह सुपुत्र उमर शेख मिर्जा सुपुत्र सुल्तान अबू सईद सुपुत्र सुल्तान मुहम्मद मिर्जा सुपुत्र मीरान शाह सुपुत्र अमीर तैमूर साहब ए किरान।
तुगरा
अबुल मुजफ्फर शिहाब अलदीन मुहम्मद साहिब ए किरान सानी शाहजहाँ पादशाह गाजी की समानों में उत्तम और भद्र, कुलीनता से गर्वित तथा समकालीनता का ध्यान देने योग्य एवं अनुग्रह का पात्र सच्चा, राजभक्त अनुरक्त सेवक राजा जयसिंह के नाम राजकीय आदेश-पत्र (फरमान)।
प्रतिष्ठित किया गया तथा राजकीय अनुग्रह द्वारा पदोन्नत को ज्ञात हो कि इस्लाम के साम्राज्य स्थल अकबराबाद तक इमारतों (बा इमारत हा) के लिये सफेद संगमरमर लाने के लिये बड़ी संख्या में गाड़ियों की आवश्यकता है, और इससे पूर्व भी एक प्रतिष्ठित एवं कल्याणकारी राजकीय आदेश जो समानों में श्रेष्ठ के नाम भेजा गया था, इस सम्बन्ध में। इस समय अधिक महत्व देने के लिये हमने सय्ययद इलाहादाद को आमेर तथा अन्य स्थानों को जाने के लिये, जिनका विवरण इसके पृष्ठ पर टिप्पणी (दिम्न) में दिया है, तथा आवश्यक संख्या में किराये पर गाड़ियाँ (अराबा ए किराया) सूची में दिये गये प्रत्येक जिले के लिये नियोजित करने के लिये नियुक्त किया है और राजा ने पहले जितनी गाड़ियों का उन स्थानों से सफेद संगमरमर मकराना की खानों से लाने के लिये प्रबन्ध किया हो, उनका पूर्ण योग में नियोजन कर वह शेष (गाड़ियों) को उपरोक्त (सय्यद इलाहादाद) को उपलब्ध करा दे जिनको वह मकराना खानों तक सुरक्षित ले जायेगा।
और यह अति आवश्यक है कि यदि किसी विषय पर उपरोक्त (सय्यद इलाहादाद) कुलीनों में श्रेष्ठ के पास जाय तो राजा हर प्रकार की सहायता और सहयोग देते हुए, कठोर परिपालन दर्शाते हुए और इस विषय में सभी सम्भव सावधानी बरते और न तो इस आदेश की अवज्ञा करें और न भूल।
लिखा गया १५ बहमन, इलाही वर्ष ५, २३ रजब, १०४२ हिजरी

दूसरे फरमान के पिछले पृष्ठ

(आदेश-पत्र के (पिछले) पृष्ठ पर टिप्पणी)

प्रशासनिक जिले.......................९
गाड़ियों (अराबा) की संख्या: २३०
परगना :-
१. आमेर- उपरोक्त राजा जयसिंह की जागीर - १०
२. मुइज्ज़ाबाद- उपरोक्त राजा जयसिंह की जागीर -२५
३. फगुई- उपरोक्त राजा जयसिंह की जागीर -२५
४. झाग- उपरोक्त राजा जयसिंह की जागीर -२५
५. नरैना- उपरोक्त राजा जयसिंह की जागीर -४०
   नरैना- राजा भोजराज की जागीर -३०
   नरैना- रारजा गिरधर दास की जागीर -१०
६. रोशनपुर- राजा बेंतमल की जागीर -१०
७. जाबनेर- राजा चेतसिंह की जागीर -१०
८. महरोत- रोजा बेथलदास की जागीर -३०
९. परबतसर- राजा गजसिंह सुपुत्र बिहारीदास कछवाहा की जागीर -१५
(स्रोत: राजस्थान राज्य-लेखागार बीकानेर क्र ३५ (पुराना ४६)


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