IAS परीक्षा के लिए कोचिंग देने वाले एक संस्थान दृष्टि आईएएस के अध्यापक विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें वे भगवान श्रीराम और सीता को लेकर अभद्र बातें कर रहे हैं। ये बातें वाल्मीकि रामायण के हवाले से बताई जा रही हैं, लेकिन इसका संदर्भ बदल दिया गया है ताकि उस प्रकरण को हिंदू विरोधी ढंग से प्रयोग किया जा सके। यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले #VisionIAS नाम का एक संस्थान विवादों में आया था। उनके शिक्षक और शिक्षिका कक्षाओं में मजहबी प्रचार कर रहे थे। इन वीडियो को देखने से लगता है कि संभवतः यही शिक्षा पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी तैयार किए जा रहे हैं। इस समस्या की जड़ को समझने के लिए पढ़े।
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भारत देश की नसों और धमनियों में किस तरह से वामपंथी और जिहादी विष भरा जा रहा है, यहाँ उसी का एक भयानक उदाहरण दिया जा रहा है। दिल्ली से चलने वाले एक आईएएस कोचिंग संस्थान की क्लास का यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मोहतरमा का नाम स्मृति शाह है! उन्होंने दिल्ली की सेंट स्टीफेंस कॉलेज की पढ़ी है। बता रही हैं कि- “इस्लाम बहुत उदार और सबको बराबर मानने वाला मजहब है! जब इस्लाम भारत में आया तो लोग अपने आप मुसलमान बनने लगे! हिंदुओं को इससे खतरा दिखा और उन्होंने भक्ति कल्ट की शुरुआत की!”
So @Vision_IAS is actually Vision Zakir Naik? https://t.co/yzGxiMFl4v
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) February 28, 2022
हिंदू धर्म में भक्ति आंदोलन का आरंभ इस्लाम के पैदा होने से बहुत पहले हो चुका था। यह ईश्वर के आगे संपूर्ण समर्पण के विचार पर आधारित था। लेकिन आईएएस कोचिंग क्लास में बताया जा रहा है कि “यह कोई कल्ट अर्थात अतार्किक विचारों वाला समुदाय था।” जबकि अरबी कल्ट 1400 वर्ष से विश्व भर में आतंक और अत्याचार का पर्याय है, उसे उदार और समतावादी बताया जा रहा है!
इसी क्लास में बताया जाता है कि “भारत में संयुक्त परिवार इसलिए होते हैं ताकि लोगों की यौन इच्छाओं की पूर्ति की जा सके। हरियाणा और पंजाब में लोग बेटों के लिए पत्नी खरीदते हैं। इसके लिए द्रोपदी का उदाहरण है!... तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाना भारत सरकार के फासिज्म के लक्षण है।… सही ज्ञान के लिए सभी को ओवैसी और शशि थरूर के भाषण सुनना चाहिए।..”
This woman is so full of hatred against Hindus that she invents facts like ‘people in Punjab and Haryana have to purchase one wife for five sons’! @Vision_IAS, are you a full blown Madarsa or something? pic.twitter.com/45ufTHl3WG
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) February 28, 2022
Fascism = Making a law to empower women (Triple Talaq) amazing level of education provided at @Vision_IAS ... Are they training students for IAS or Journalism 😂😬🙏 pic.twitter.com/aYe6BTXUbI
— Superastar Raj 🇮🇳 (@NagpurKaRajini) February 28, 2022
वामपंथ का सबसे बड़ा लक्ष्य समाज को तोड़ना है। इसके लिए परिवारों को तोड़ना सबसे आवश्यक है। और इसका फार्मूला भी क्लास में सिखाया जाता है।
The sole purpose of marriage is sexual gratification 👏😂😂😂
— Barkha Trehan 🇮🇳 / बरखा त्रेहन (@barkhatrehan16) February 28, 2022
WOKISM at its peak!
Let that sink in! pic.twitter.com/KmGsjtJlyS
उस कथित अध्यापिका से कोई पूछे कि उसकी क्लास में जो बच्चे आते है, उनकी फीस कौन चुकता है? यदि माता-पिता ने बच्चों को पैदा करके उन पर कोई एहसान नहीं किया है तो वो उन्हें बच्चों की पढ़ाई का फीस क्यों चुका रहे हैं?
The amount of anti-Hindu poison and propaganda this Smriti Shah seems to be injecting in young minds is staggering! Is @Vision_IAS run by a mullah? pic.twitter.com/bCDUUZiAZJ
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) February 28, 2022
इस क्लास में हर वह मसाला है, जिससे हिंदू घृणा और देश को तोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। दिल्ली समेत देश के कई शहरों में चलने वाले इस कोचिंग संस्थान का नाम विज़न आईएएस (Vision IAS) संस्था ने एक वक्तव्य जारी करके एक क्षमा याचना की है। लेकिन इसमें भी अपनी अधकचरी शिक्षिका की मूर्खता का बचाव किया गया है। कोचिंग इंस्टिट्यूट के प्रबंधक जानते हैं की उन्होंने हिंदुओं का अपमान किया है और हिंदू उनके सेंटरो और शिक्षकों पर हमला नहीं करने जाएंगे।
Vision IAS statement on recent events surrounding a video clip#VisionIAS pic.twitter.com/0UvZDIDd3c
— Vision IAS (@Vision_IAS) February 27, 2022
किसी संस्थान या वहां पढ़ा रहे किसी एक अध्यापक तक सीमित नहीं है। देश में उच्च शिक्षा की ढेरो संस्थाओं में भारतीयता और हिंदू धर्म से घृणा का यही पाठ पढ़ाया जा रहा है।
दृष्टि आईएएस कोचिंग
इस मूर्खतापूर्ण ज्ञान का उदगम स्रोत NCERT है। जिसकी किताबों में भरा वामपंथी जिहदी विष आज तक हटाया नहीं जा सका है। जिन्हें इनको हटाने का उत्तरदायित्व दिया गया था, वो स्वयं ही वामपंथी मनोरोग का शिकार बन चुके हैं। इसी का उदाहरण पिछले दिनों देखने को मिला था जब एनसीईआरटी ने जेंडर डायवर्सिटी के नाम से एक टीचर मैन्युअल जारी किया था।
आईएएस बनने के लिए जहरीले पुस्तके अनिवार्य
आईएएस अधिकारी बनाना हो यह कोई अन्य सरकारी नौकरी पाने के लिए, एनसीईआरटी पुस्तकों में भरे वामपंथी जिहादी विषपान आवश्यक है। पेपर सेट करने से लेकर कॉपी जांचने वाले और इंटरव्यू बोर्ड तक में वामपंथी जिहादी घुसपैठ है। वो ये सुनिश्चित करते हैं कि ऐसा विकृत ज्ञान पाकर आए लोग ही चुने जाएं।
आज भी वो व्यवस्था बनी हुई है। यदि आपको आईएएस बनाना है तो The Hindu और Economics & Political Weekly (EPW) जैसी पक्षपाती और देश विरोधी पत्र-पत्रिकाएं पढ़े बिना काम नहीं चलेगा। यहाँ तक की भारत सरकार का प्रकाशन विभाग भी अपने विज्ञापनों में उनका ही प्रचार करता है।
हिंदू घृणा पर आधारित व्यवस्था को सुधारने के लिए जिन लोगों को चुना गया है, वो संभवत कुछ अन्य आवश्यक कार्यों में व्यस्त हैं। पाठ्यक्रम में सुधार का कम कछुए की गति से हो रहा है। कब यह पुरी तरह लागू होगा? कोई कुछ नहीं का सकता. जब तक ये कम पूरा हो! तब तक शिक्षा के नाम पर यही सब चलता रहेगा!
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हिंदुओं के पैसे पर भारत भंजन और हिंदू घृणा का कारोबार फलता फूलता रहेगा!
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साभार- INDIX