भाग- 04 प्रोजेक्ट जोशुआ और 10/40 Window क्या है?

प्रोजेक्ट जोशुआ क्या है

जोशुआ प्रोजेक्ट (10/40 Window)  सिरीज़ में अब तीन भाग जोशुआ पर लिखा गया है, जिसमें उसका निर्माण, कार्य प्रणाली, फ़ंडिंग और अन्य चीज़ों के बारे में लिखा। यह भाग उसी का विस्तार है, जिसमें आपको जेनेसिस के सिद्धांतों के अनुसार उनके मत परिवर्तन की प्रक्रिया और अमेरिकन एजेन्सीज की मिलीभगत के बारे में बताया जाएगा। 

   जोशुआ प्रोजेक्ट के लिए जो लिस्ट तैयार की गई उसकी मदद डॉक्टर केएस सिंह के दस्तावेज़ (जाति, भाषा, सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति) से ली गई, यह पहले बता चुका हूँ। जिसको उन्होंने तैयार किया था। उस दस्तावेज़ के हिसाब से जोशुआ के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई, जिसको कई सारे ईसाई संगठनों ने मिलकर तैयार किया  जिसमें प्रमुख थे - 

(१) Summer Institute of Linguistics, World Vision (WV), 

(२)  The Foreign Mission Board (affiliated with the Southern Baptist Convention) 

   समर इन्स्टिटूट ऑफ़ लिंग्विस्टिक, वही संस्था जिससे अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेन्सी (CIA) अपने ख़ुफ़िया ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मदद ले चुकी है और CIA ने इसको खुलेआम स्वीकार किया है, यह किसी से छुपा नहीं है। एक किताब 1995 में छपी थी, जिसका नाम था "Thy Will Be Done" इसको लिखा था “Gerard Colby” and “Charlotte Dennett” ने और वो कहते हैं- 

   "one finds details of CIA-Wycliffe missions to source anthropological data from Latin America.

    साथ ही वह कहते हैं कि- "लैटिन अमेरिका के दस्तावेज़ों पर अगर सरसरी निगाह मारेंगे तो यह साफ़ हो जाएगा कि किस महाद्वीप में CIA ने क्या किया है।" यह एक बहुत ही बड़ा इशारा है, हमारी सुरक्षा की सेंध पर लेकिन हमारा पूरा तंत्र सो रहा है। 

भारत मे NGO को फण्ड कहा से आता है ?

    भारत में चलने वाले अधिकाधिक NGO को फ़ंड कहाँ से आता है? यह एक बड़ा सवाल है और सीधा सा जवाब है "यूनाइटेड स्टेट एजेन्सी फ़ॉर इंटर्नैशनल डिवेलप्मेंट " (USAID) से। USAID की स्थापना “पीस कॉर्प” के साथ मिलकर में “प्रेज़िडेंट जॉन एफ केनेडी” द्वारा हुई। जिनका उद्देश्य बताया गया शांति और डिवेलप्मेंट! जॉन केनेडी को कॉम्युनिज़म का स्टेम कहा जा सकता है, यह सनद रहे ! 

    अब दुबारा आप उस किताब की तरफ़ रूख करेंगे तो पाएँगे की USAID और CIA गठबंधन किस तरह अपने मिशन को अंजाम दे रहा है। यह सिर्फ़ मतपरिवर्तन तक नहीं है, बल्कि तथाकथित  कॉम्युनिस्ट द्वारा पूरे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना है। 

हमारी सरकार क्या करती थी? 

   अगर आप वह जानना चाहते हैं तो आंध्रा में YSR-रेडी की सरकार के समय बने चर्च का पता कीजिए। लगभग सरकारी ख़र्च में ही बनाए गए। सोनिया माता अपनी इटैलियान अम्माँ के समय में मिशनरीज़ के लिए किए गए वीज़ा नियमो में बदलाव को अगर एक बार नज़र डालेंगे तो आधी सच्चाई तो बाहर आ ही जाएगी। 

   ऊपर से जेरूसलम जाने वालों के लिए हज की तरह सब्सिडी का प्रावधान दिया गया। जबकि सरकारी एजेन्सीज को यह ज्ञात है की देश में चल रहे NGO और मिशनरीज़ देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं, उसके बाद भी सरकारी ख़र्च पर विश्व भ्रमण का उद्देश्य क्या है? आप स्वयं समझदार हैं? 

    देश में चल रहे NGO पर नज़र डालिए और उनके मालिक चाहे वह बड़ी बिंदी गैंग हो, चाहे वामपंथी ब्रिगेड हो, चाहे वह अन्य कोई भी हो। सबके नाम मैं यहाँ तो नहीं लिख सकता लेकिन किताब में ज़रूर लिखूँगा, आप सब पढ़ लीजिएगा। फ़िलहाल आप इनकी गतिविधि इनके बयान और इनका NGO, इन तीन चीज़ों पर ध्यान देंगे तो यह लोगों किसी न किसी तरह मिशनरीज़ को उनकी गतिविधि बढ़ाने में मदद पहुँचा रहे हैं। 

   चाहे धर्म पर हमले करके, चाहे जातिवाद से, चाहे मोदी का डर दिखाकर। हाँ! नरेंद्र मोदी आपको इसलिए भी चाहिए की इनकी गतिविधियाँ रुकी रहें! जैसे NGO की फ़ंडिंग इत्यादि। ख़ैर मैं इसे राजनैतिक पोस्ट नहीं बनाना चाहूँगा आप ख़ुद समझदार हैं लेकिन कांग्रेस सरकार (केरल) में जो लोन वेवर स्कीम लाई है, कन्वर्टेड ईसाइयो के लिए, वह भी इसी का पार्ट है। 

लिंक -
http://www.thehindu.com/news/national/kerala/Loan-Waiver-Scheme-for-Christian-converts/article16242457.ece/amp/?__twitter_impression=true


~अब्दुस समीर शेख


संदर्भ -

https://joshuaproject.net

https://rwcmissions.wordpress.com/2011/05/20/1040-window/

विकिपीडिया 

https://joshuaproject.net/assets/img/maps/1040window_map.gif


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