जब नेहरू एक हिंदू युवक को मारने के लिये पानी में कूद गये

 

जब नेहरू एक हिंदू युवक को मारने के लिये पानी में कूद गये

जब 1946-47 में बिहार में दंगा हुआ तो नेहरू ने यहां का तूफानी दौरा किया। तब वो देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे। नेहरू ने मुसलमानों को ढांढस बंधाया और बिहार के हिंदुओं को डांटा, लताड़ा, उलाहने दिए, अपमानित किया, धमकियां दीं और कई बार पिटाई भी की। ऐसा लग रहा था कि नेहरू हिंदुओं का पक्ष सुनना ही नहीं चाहते और यदि कोई अपनी बात कहने की कोशिश करता तो नेहरू का ‘तीसरा नेत्र’ खुल जाता। 

   ऐसे ही एक किस्से का वर्णन चश्मदीद गवाह बालशास्त्री हरदास ने अपनी किताब ‘What I Saw In Bihar’ में किया है, जो 1947 में प्रकाशित हुई थी-  

   “एक बार जब एक हिंदू युवक ने नेहरू से सवाल पूछ लिया तो वह उसे मारने के लिए दौड़े। नेहरू की लात खाने के डर से वह भागते हुए नदी में कूद गया। उतावले नेहरू ने भी उसका पीछा करते हुए नदी में छलांग लगा दी और तैरना शुरू कर दिया। किनारे पर खड़े हजारों हिंदू और पुलिस अधिकारी इस हास्यास्पद दृश्य को क्रोध और अपमान के साथ देख रहे थे।”

   लेकिन यह तो शुरुआत थी। नेहरू ने अपने धर्मनिरपेक्ष ‘अवतार’ के दर्शन करवाने के लिए अपने ही देशवासियों पर हवाई हमला करने की धमकी दे दिए थे।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि 1946 में कलकत्ता के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखली में हिंदुओं का भयंकर नरसंहार हुआ, लेकिन नेहरू कलकत्ता नहीं गये। वो उस समय अपनी अंतरिम सरकार के गठन में व्यस्त थे। नेहरू नोआखली तो गये, लेकिन 27 दिसंबर 1946 को जब वहां हिंसा करीब-करीब रुक गई थी। लेकिन जब कलकत्ता और नोआखली के प्रतिकार में बिहार में दंगा हुआ तो नेहरू यहां तत्काल पहुंच गये। 

नोट– अब आपको लग रहा होगा कि मैं अचानक नेहरू के अजीबो-गरीब किस्सा क्यों सुना रहा हूं। दरअसल कांग्रेस के फर्जी इतिहासकारों ने नेहरू को महिमामंडन करने वाले किस्से सुनाने का PAID अभियान चला रखा है। तो सोचा इनकी मुहिम में मैं भी फ्री में थोड़ा योगदान दे दूं। कमी नहीं रहनी चाहिए बॉस।

#Nehru_Ke_Karm

#नेहरू_के_कर्म

#Nehru

आगे पढ़ें... विजयालक्ष्मी पंडित: कांग्रेस की अनपढ़ धरोहर




Post a Comment

Previous Post Next Post